Thursday, June 9, 2016

नेपाल व भारतीय प्रभाग में बाढ़ पूर्व कटाव निरोधी कार्यों से मंत्री संतुष्ट




सूबे के जल संसाधन मंत्री नेपाल प्रभाग के पूर्वी बहोत्थान बांध का किया निरीक्षण


संजय सोनी/सहरसा
कोसी नदी के नेपाल प्रभाग में पड़ने वाले पूर्वी बहोत्थान बांध का जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन उर्फ़ ललन प्रसाद सिंह ने अपने अमलों के साथ गुरूवार को निरीक्षण किया और कहा कि सहरसा से कोसी बराज व कोसी बराज तक से पुलटेगौरा तक नेपाल प्रभाग में पड़ने वाले सभी स्परो पर बाढ़ पूर्व हुए कटाव निरोधात्मक कार्य संतोषप्रद है। मंत्री इस दौरे में सबसे पहले बुधवार को हेलीकाप्टर से सहरसा पहुचे और सड़क मार्ग से पूर्वी कोसी तटबंध का निरीक्षण करते हुए बीरपुर पहुचे। बीरपुर एसा रात्रि विश्राम के बाद अन्य निर्धारित विभागीय कार्यक्रमों में हिस्सा लिए।
जल संसाधन मंत्री श्री सिंह सुपौल के दो दिवसीय दौरे के  दौरान गुरूवार को कोसी नदी के नेपाल प्रभाग में पड़ने वाले पूर्वी बांध का निरीक्षण किया और बाढ़ पूर्व कटाव निरोधात्मक कार्यो का भी जायजा लिया। मौके पर  विभाग के प्रधान सचिव अरुण सिंह, इंजिनियर इन चीफ इंदुभूषण कुमार व राजेश कुमार,  मुख्य अभियंता प्रकाश दास, अधीक्षण अभियंता दिनेश चौधरी, कार्यपालक अभियंता विमल कुमार, शशि कान्त सिन्हा,एसडीओ संजय कुमार आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे। मंत्री का काफिला सबसे पहले पूर्वी बहोत्थान बांध के स्पर संख्या 26.88 किमी, ,27.10 किमी के बाद पुलटेगौरा के स्पर संख्या 11 का भी निरिक्षण किया। तटबंधों के   निरीक्षण के बाद वीरपुर कोसी अतिथिशाला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री श्री सिंह ने कहा कि कोसी नदी के पूर्वी बांध पूरी तरह सुरक्षित हैं। हमने सहरसा से कोसी बराज व कोसी बराज तक से पुलटेगौरा तक का निरीक्षण किया है। निरीक्षण के बाद नेपाल प्रभाग में पड़ने वाले सभी स्परो पर बाढ़ पूर्व कराये गए कटाव निरोधात्मक कार्यों के प्रति संतोष प्रकट किया। जबकि मंत्री ने सहरसा से सुपौल के बीच 7 बिन्दुओं को संवेदनशील बताते हुए सतत निगरानी का निर्देश दिया।
 मंत्री ने कहा कि 15 जून से सभी अभियंताओ को चौबीस घंटे और सातों दिन बांध पर रहना पड़ेगा। कोसी बराज के गेट के सम्बन्ध में पूछे गए सवाल के जवाब में जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि बराज के गेट का संचालन पटना कंट्रोल द्वारा किया जा रहा है अब 56 फाटकों में से मात्र 2 फाटक की स्थिति ठीक करनी है। इस बाबत मेकेनिकल विभाग के कार्यपालक अभियंता को आज के आज ही वीरपुर बुलाया गया।
 पत्रकारों के प्रश्न स्पर संख्या 26.88  किमी व 27.10 किमी  पर हर साल लाखोकरोड़ो की राशि खर्च होने के वावजूद क्या कोई स्थायी समाधान नहीं निकल सकता है के के जवाब में मंत्री ने कहा कि यदि आपके पास कोई समाधान हो तो बताए। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि कोसी की धारा लगातार अपनी दिशा बदलती रहती है और पानी कब कितना आ जाये ये कोई नहीं बता सकता है। फिलहाल सभी स्पर सुरक्षित हैं और काम भी अच्छा हुआ है।