प्रेस परिषद अध्यक्ष के आदेशों को नहीं मानते सदर थाना के दरोगा
- प्रेस परिषद अध्यक्ष ने संवाद संकलन के लिए
पत्रकारों को दी है स्वतंत्रता
- -मुख्यालय डीएसपी ने मामले को गंभीरता से लिया
- -बनारस के एक अपराधी परिवार से संवाद संकलन कर
रहे पत्रकारों को दरोगा ने वार्ता नहीं करने की दी हिदायत
पप्पन/सहरसा: अखिल भारतीय प्रेस
परिषद के अध्यक्ष के आदेश का सहरसा सदर थाना पुलिस के लिए कोई मायने नहीं। सहरसा पुलिस
ने अपराध में लिप्त एक परिवार से जानकारी लेने के क्रम में इन बातों को चरितार्थ भी
किया है। प्रेस परिषद के अध्यक्ष ने हाल ही में देश के सभी पुलिस महानिदेशकों को संवाद
संकलन करने वाले पत्रकारों को किसी भी तरह के अवरोध उत्पन्न नहीं करने की शख्त हिदायत
दी थी। लेकिन सहरसा के सदर थाना पुलिस अपने पुराने रवैये पर आज भी कायम है। शुक्रवार
को सहरसा सदर थाना में अपराध में लिप्त एक अपराधी के पत्नी अजिया से पत्रकारों द्वारा
सवाल पूछे जाने के क्रम में वाकया सामन आया। सदर थाना पुलिस ने एक चोर गिरोह का पर्दाफास
करने का दावा करते हुए शुक्रवार को पत्रकारों को विशेष जानकारी दी। इस क्रम में थाना
सिरिस्ता में बैठी एक महिला को देख पत्रकारों की उत्सुकता बढ़ गई। थाना सिरिस्ता में
बैठी महिला कोई और नहीं बल्कि गिरफ्तार अपराधी बनारस के शंकर पंडित की पत्नी थी। पत्रकार
वार्ता के बाद पत्रकारों ने उस महिला से कुछ हकीकत जानने का जब प्रयास किया तो सदर
थाना में पदस्थापित अवर निरीक्षक नितेश कुमार पूरे तैश में आ गये। अपना रौब झाड़ते हुये
उन्होंने पत्रकारों को कड़ी हिदायत देते कहा कि आप लोगों को यहां किसी से भी किसी भी
तरह का कोई सवाल करने का अधिकार नहीं है। उनके द्वारा दिये गये हिदायत के बाद पत्रकारों
ने तत्काल अपनी चुप्पी साध लेना ही बेहतर माना। इस संबंध में जब सदर थानाध्यक्ष से
संपर्क करने की कोशिश की गई तो बताया गया कि वे डीएम साहब के साथ बैठक में शामिल हैं। इस संबंध में प्रभारी एसडीपीओ सह डीएसपी मुख्यालय गणपति ठाकुर से जब बात की गई तो उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया तथा कहा की वे इस मामले को देखते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नितेष कुमार ने गलती की है पत्रकारों को संवाद संकलन करने में कहीं भी किसी तरह की मनाही नहीं की जा सकती है।