Wednesday, November 18, 2020

 भाई-बहन के अापार स्नेह का पर्व भ्रातृद्वितीया के गीतों से सराबोर रहा मिथिलांचल क्षेत्र 

  • बहनों ने उपवास रहकर व्रत की और भाईयों को बजरी खिलाकर की लंबी उम्र की कामना 

सहरसा/संजय सोनी 

भ्रातृद्वितीया पर्व की महत्ता बढती ही जा रही है। कोरोना संक्रमणकाल में बहनों ने अपनी जान जोखिम में डालकर सोशल डिस्टेंस को नजरअंदाज करते हुए भाइयों की लंबी उम्र की कामना वाली लोक पर्व भ्रातृ द्वितीया मनायी। अब शहरी क्षेत्र के घर-आंगन मेंं भी लड़किया एवं महिलाएं इस व्रत को खुब कर रही है। कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की द्वतिया को भाई एवं बहन के अापार स्नेह का महान पर्व भ्रातृद्वितीया(भैया दूज) के गीतों से मिथिलांचल क्षेत्र सराबोर रहा।

भाईयों को बजरी खिलाकर की लंबी उम्र की कामना- 

सोमवार 16 नवंबर को बहनों ने उपवास रहकर व्रत की और अपने-अपने भाईयों को बजरी खिलाकर लंबी उम्र कामना की। हिन्दु परिवारों में कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को

बहना उपवास रहकर अहले सुबह से ही भईया दूज की तैयारी में जुट गयी। भैया दूज मनाने के लिए अपने-अपने मुहल्ले के जानकार वृद्ध महिला के घर गोबर से लिप कर पूजन स्थल बनायी।  पूजन स्थल के चारों तरफ महिला एवं लड़कियों ने यमुना एवं यमराज का प्रतीक रूप बनाकर गीत गाकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद अपने-अपने भाईयों को बजरी खिलाकर दीर्घायु जीवन की कामना की। अर्पण से सजा बीच आंगन में आसन पर भाई को बैठाकर भाइयों को माथे पर तिलक लगाकर आरती की और कलाई में रक्षासूत्र कलेवा बांधकर दीर्घायु जीवन की कामना की। इसके बाद केला में बजरी डाल कर प्रसाद ग्रहण करवायी।

वृद्ध महिलाओं ने सुनायी भैया दूज की कथा-

वृद्ध महिलाओं ने भैया दूज की कथा सुनाई। कथा के दौरान पौराणिक मान्यताओं से अवगत कराती हुए  मैया यमुना नदी ने अपने भाई यमराज को इसी दिन मांगलिक द्रव्यों का टीका लगाकर भोजन ग्रहण करवायी थी। इसके बाद भाई यमराज ने अपनी बहन यमुना से वरदान मांगने की इच्छा व्यक्त की तो वरदान में बहना ने कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को जो भी नदी स्नान करेगा उसे अंत काल में यम यातना नहीं भोगना पड़ेगा की मांगी। भाई यमराज ने इसी दिन से अपनी प्यारी बहन यमुना को वरदान देकर परलोक सिधार गये। उस दिन से ही इस पर्व को बहन एवं भाई अंगीकार कर कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को भ्रातृ द्वितीया मनाने लगी।