समय से पहले आ सकती है बाढ, विभाग के फुल सकते हैं हाथ-पांव
- -पहली खेप के रूप में कोसी बराज से 41 हजार क्यूसेक जल का निस्सरण
- - बाढ संघर्षात्मक कार्यो की तैयारी में विभाग को जुटना पड़ेगा
- - बाढ संघर्षात्मक कार्यो के लिए सामग्रियों का भंडारण शुरूः मुख्य अभियंता
इस बार समय से पहले कोसी नदी की धारा बलखाने लगी है।
ललपनियां भी गाद के साथ नदी में उतरने लगी है। पानी की पहली खेप के रूप में कोसी
बराज से मंगलवार की सुबह 41 हजार क्यूसेक जल का निस्सरण इस साल के ललपनियां की गवाह
बनी है। कहने का मतलब साफ है कि बाढ अवधि के करीब एक माह पूर्व ही जल संसाधन विभाग
को बाढ संघर्षात्मक कार्यो की तैयारियों में जुट जाना पड़ेगा। हालांकि जल संसाधन
विभाग बीरपुर के मुख्य अभियंता प्रकाश दास ने कहा कि विभाग की ओर से कटाव निरोधक
कार्यों को पूरा कर लिया गया है और बाढ संघर्षात्मक कार्यों के लिए आवश्यक
सामग्रियों का जगह-जगह भंडारण किया जा रहा है।
जल संसाधन विभाग बीरपुर के मुख्य अभियंता प्रकाश दास ने
पूछने पर बताया कि नेपाल प्रभाग के 19 व भारतीय प्रभाग के 43 बिन्दुओं पर कटाव निरोधी कार्य कराये गये हैं। इन कार्यो
में ही ग्राम सुरक्षा के कार्य शामिल हैं। कटाव निरोधी कार्यो में सिर्फ कुछ सड़कों
का काम अब तक अधूरा है। जिसे तेजी से कराया जा रहा है।
पहाड़ी ईलाके में भारी बारिश होने व तेज गर्मी की वजह से
बर्फ पिघलने के कारण नदी में अचानक पानी पहूंचने से विभाग को समय से पहले सतर्क कर
दिया है। यही वजह है कि बाढ अवधि के कार्यक्रमों को समय से पहले विभाग को लागू
करना पड़ सकता है। जबकि बाढ का निर्धारित अवधि 15 जून से 15 अक्टूबर तक रहती है। इसके साथ ही बाढ पूर्व कराये जा रहे
कटाव निरोधक कार्यो की भी समय-सीमा 15 मई को ही समाप्त हो चुकी है। कोसी बराज के सभी फाटकों को
बाढ पूर्व मरम्मती एवं संपोषण कार्य पूरा कर लेना होगा। अन्यथा जिस कदर समय से
पहले नदी में पानी आ गयी है तो इस बीच विभाग को कटाव निरोधी कार्यो के अलावा कोसी
बराज के सभी फाटकों को भी दुरूश्त कर लेना होगा, ताकि बराज के फाटकों का परिचालन सुचारू रूप से सुनिश्चित
किया जा सके।
विभाग को हरेक साल 15 जून से 15 अक्टूबर के बीच बाढ से हुई तटबंधों व स्परों की क्षति समेत
नदी क्षेत्र के गांवों की सुरक्षा के कार्यों को कटाव निरोधी कार्य में ही पूरा
किया जाता है।
वैसे विभाग की ओर से बाढ 2016 के पूर्व राज्य की विभिन्न नदियों में व्यापक पैमाने पर
राज्य योजना के अंतर्गत बाढ सुरक्षात्मक कार्य को समय पर पूरा कराने एवं उसके
निगरानी के लिए राज्य बाढ प्रक्षेत्रों को आठ भागों में विभक्त कर प्रत्येक
क्षेत्र के लिए विशेष जांच दल का भी गठन किया गया है। गठित विशेष जांच दल का
दायित्व होगा कि विभिन्न स्थलों पर कटाव निरोधक, निवृत रेखा निर्माण, ग्राम एवं शहर सुरक्षा, गैप क्लोजर, बांध का उंचीकरण एवं सुदृढीकरण तथा बाढ सुरक्षात्मक कार्यों
का स्थल निरीक्षण एवं प्रगति की समीक्षा करना। साथ ही निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध
कार्यों की प्रगति एवं बाढ सुरक्षात्मक सामग्रियों की आपूर्ति व भंडारण की स्थिति
की समीक्षा करना। इसकी भी समय-सीमा पांच चरणों में तय थी। जिसमें चार चरण तो खत्म
हो गये और अब पांचवा चरण 22 मई से 26 मई तक निरीक्षण करना बांकी रह गया है और 28 मई 2016 को फोटोग्राफी के साथ स्थलीय निरीक्षण का प्रतिवेदन
मुख्यालय को समर्पित करना है। लेकिन अभी निरीक्षण के साथ-साथ रिपोर्ट भी समर्पित
करने का समय शेष है और कोसी नदी की धारा समय से पहले उतावली हो गयी है। इसलिए
विभाग अगर समय से पहले सतर्क नहीं हुआ तो आपदा की परिस्थिति में हाथ-पांव फुलना तय
है।