Wednesday, August 16, 2017

प्रभारी मंत्री के सख्ती से बचाव व राहत कार्यों में जुटा प्रशासन




प्रभारी मंत्री के सख्ती से बचाव व राहत कार्यों में जुटा प्रशासन   
नवहट्टा प्रखंड के एक स्पर पर स्वास्थ्य विभाग की दो अलग-अलग टीम के द्वारा पशु व मनुष्य की आवश्यक दवाओं का वितरण किया जा रहा था...
राजीव झा/सहरसा: जिला प्रशासन ने बाढ प्रभावित गांवों को कई जोन में बांटकर व्यवस्थित तरीके से राहत व बचाव कार्य करने की तैयारी में जुट गयी है। इसके लिए नवहट्टा अंचल के पदाधिकारी सफी अख्तर को जोनल पदाधिकारी का दायित्व सौंपा गया है। नाव परिचालन के लिए भी कई सरकारी कर्मियों को नाव प्रभारी बनाया गया है। दूसरी तरफ प्रभारी मंत्री रमेश ऋषिदेव ने मंगलवार को स्थानीय सर्किट हाउस में बाढ़ से प्रभावित परिवारों के बचाव व राहत कार्य के लिए डीएम बिनोद सिंह गुंजियाल के साथ बैठक कर हरेक स्तर पर तैयारी रखने का आवश्यक निर्देश दिया।

मनुष्य व पशुओं के लिए दावा वितरित   
हालाँकि बुधवार को नवहट्टा प्रखंड के एक स्पर पर स्वास्थ्य विभाग की दो अलग-अलग टीम के द्वारा पशु व मनुष्य की आवश्यक दवाओं का भी वितरण किया जा रहा था। स्वास्थ्य विभाग की इस टीम में मनुष्य के लिए डॉ. सुजीत कुमार के नेतृत्व में एएनएम इंदु कुमारी व रीना कुमारी के द्वारा भी सर दर्द, बुखार, दस्त आदि के रोगी पहूंच रहे थे। सभी को आवष्यक दवा उपलब्ध कराया जा रहा था। जबकि डॉ. संजीव कुमार सुमन के नेतृत्व में अनवर हुसैन व जितेन्द्र कुमार सिंह के द्वारा मवेषियों को पेट रोग की दवाओं में कीड़ा मारने के लिए दवा दी जा रही थी। इसी प्रकार टॉनिक, बुखार, भूख लगने के लिए पषु पाचक दिया जा रहा था।  
  
राहत व् बचाव के लिए बना चार जोन
नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र के पंचायत नौला के बाढ प्रभावित गांव लालपुर, भेलाही, नौला, रसलपुर, गढिया व लोहार का एक जोन में षामिल किया गया है। जबकि बकुनियां पंचायत के परताहा व बकुनियां गांव के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी चंद्रमोहन पासवान जोनल अधिकारी बनाया गया है। इसी प्रकार पंचायत सत्तौर के गांव नारायणपुर नंरगा, बिरजाईन व सत्तौर शाहपुर पंचायत के रामजी टोला को एक जोन बनाकर मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रभात रंजन झा को दायित्व सौंपा गया है। जबकि पंचायत हाटी के गांव देवका, ऐराजी, मुरली, कठुआर, कटियाही बरियाही, केदली पंचायत के असैय, पहाड़पुर, छतवन, रामपुर केदली, डरहार पंचायत के डरहार, महुआ, गाविंदपुर, बरवाड़ा गांव के लिए जोनल अधिकारी के रूप में अंचलाधिकारी सफी अख्तर को दायित्व दिया गया है। सीओ सफी अहमद ने बताया कि प्रभावित इलाके के संबंध में वरीय अधिकारियों को प्रतिवेदन भेज दिया गया है। सरकार से निर्देश मिलते ही राहत कार्य षुरू किये जाएंगे। बचाव कार्य के लिए पांच दर्जन से अधिक नाव का परिचालन हो रहा है। सभी बाढ़ आश्रय स्थलों को नागरिकों को सौंप दिया गया है।
किसी भी प्रकार की आपदा से मुकाबले को तैयार प्रशासन  
प्रभारी मंत्री रमेश ऋषिदेव ने मंगलवार को स्थानीय सर्किट हाउस में बाढ़ से प्रभावित परिवारों के बचाव व राहत कार्य के लिए डीएम बिनोद सिंह गुंजियाल के साथ बैठक कर हरेक स्तर पर तैयारी रखने का आवश्यक निर्देश दिया। मंत्री के साथ विचार-विमर्श के दौरान डीएम श्री गुंजियाल ने कहा कि तटबंध पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और बाढ प्रभावित इलाकों से पानी से घिरे लोगों को आश्रय स्थलों पर लाने के लिए संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति आने पर भी जिला प्रशासन किसी भी मुकाबले को तैयार है। इसके लिए राहत व बचाव के अलावा चिकित्सक, पशु चिकित्सकों की टीम गठित कर दी गई है। मानव व पशु के दवा के अलावा पशुचारा का भी प्रबंध कर लिया गया है। संबंधित क्षेत्र के बीडीओ व सीओ के अलावा प्रखंडों के प्रभारी पदाधिकारी लगातार पर्यवेक्षण कर रहे हैं। जिला मुख्यालय में नियंत्रण कक्ष में प्राप्त सूचनाओं के आधार पर भी त्वरित कार्रवाई की जा रही है।






कोसी मैया एक बार फिर बाढ़ तैयारी को संभलने की दी मौहलत

कोसी मैया एक बार फिर बाढ़ तैयारी को संभलने की दी मौहलत

तटबंध की सुरक्षा के लिए विभिन्न स्परों पर लाखों की राशि खर्च कर जल संसाधन विभाग जहां बाढ सुरक्षा की गारंटी कर रही है वहीं नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र अवस्थिति पूर्वी कोसी तटबंध के 83.80 किमी फतेह खां नामक स्पर पर मोहनपुर पंचायत के मिसरौलिया, परसबन्नी चाही के एक दर्जन परिवार अपने बाल-बच्चा समेत माल-मवेशि के साथ शरण लिए हुए है...


संजय सोनी/सहरसा: कोसी नदी में जल का स्तर काफी घटता नजर आ रहा है। मुख्य कोसी नदी की धारा भी मध्य नदी भाग में भी कोई खास हलचल पैदा नहीं कर रही है। मंथर गति से गरजते हुए कोसी नदी दक्षिण दिशा की तरह नवहट्टा से आगे बढकर महिषी, राजनपुर होते हुए सलखुआ के रास्ते कुरसेला में बहन गंगा से गले मिल रही है। ऐसा लगता है कि कोसी मैया हम सबों को संभलने के लिए एकाध सप्ताह की मौहलत दे रही है। अभी बाढ का करीब ढाई महीना समय शेष है। 31 अक्टूबर के बाद ही जल संसाधन विभाग को भी फुरसत मिलने जा रही है। 5 अक्टूबर 1968 को कोशी नदी में 9 लाख 13 हजार क्यूसेक एवं बराह क्षेत्र 7 लाख 88 हजार 200 क्यूसेक जल निस्सरण का अधिकतम रिकार्ड रहा है। इसलिए ऐसा नहीं समझा जाय कि बाढ़ का समय कट गया है। वैसे भी मौसम विभाग बारिश की संभावनाओं का संदेश आम लोगों को देना बंद नहीं की है।  
पूर्वी कोसी तटबंध व तटबंध की सुरक्षा के लिए विभिन्न स्परों पर लाखों की राशि खर्च कर जल संसाधन विभाग जहां बाढ सुरक्षा की गारंटी कर रही है वहीं नवहट्टा प्रखंड क्षेत्र अवस्थिति पूर्वी कोसी तटबंध के 83.80 किमी फतेह खां नामक स्पर पर मोहनपुर पंचायत के मिसरौलिया, परसबन्नी चाही के एक दर्जन परिवार अपने बाल-बच्चा समेत माल-मवेशि के साथ शरण लिए हुए है। अभी कोसी नदी में जो जल वृद्धि हुई थी उसमें ऐसे ही कुछ स्परों में 78.60,78.30, 74.00 एवं 64.95, 81.00   सहित कई अन्य स्परों पर नदी की धारा का भीषण दवाब बना हुआ था। इन स्परों को बचाने के लिए लाखें की राषि को पानी की तरह बचाया गया और उसी जगह 83.80 किमी फतेह खां नामक स्पर पर मवेशियों के साथ लोग रह रहे हैं जो ताज्जुब की बात है। अगर कोसी नदी के जल स्तर में वृद्धि होती है तो नदी की धारा को तटबंध से सटने में कुछ घंटे का भी वक्त नहीं लगेगा और स्पर की नोज को खंगालते हुए स्पर को क्षतिग्रस्त कर देगी और तटबंध पर आसानी से नदी की धारा अटैक कर देगी। यहीं कहा गया है आ बैल मुझे मार।
बतादें कि फतेह खां स्पर पर बाढ की पहली तबाही पहली अगस्त को ही सुगमिया देवी, बीएन देवी, अकबरी बेगम, राम प्रसाद खिरहर, राधे खिरहर, सिकन्दर खिहर, महेन्द्र यादव, योगेन्द्र यादव, राजेन्द्र यादव, राम प्रबोध यादव, रामदेव यादव, दिलिप यादव आदि परिवारों ने कहा कि हम सभी पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर मोहनपुर पंचायत के गांव मिसरौलिया व परसबन्नी चाही पर रहते थे। इस साल पहली अगस्त को बाढ आने के कारण यहां षरण ले लिये हैं। इन सबों को ये भी पता है कि स्परों पर षरण लेना जुर्म है , फिर भी आश्रय स्थल नहीं होने से शरण लेना मजबूरी हो गया है। इन लोगों ने कहा कि अब तक किसी प्रकार की बाढ राहत प्राप्त नहीं हो सकी है। बाढ राहत के बिना हम सबों की परेशानी दोगुनी हो गयी है।