Sunday, November 5, 2017

लैंगिक हिंसा के विरुद्ध हस्ताक्षर अभियान पकड़ा जोर




लैंगिक हिंसा के विरुद्ध हस्ताक्षर अभियान पकड़ा जोर


 

प्रभात.पटना: भूमिका विहार, एनएसएस एवं श्रो अरविंद महिला कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान मे कनाडा एम्बेसी के सहयोग से शुक्रवार 3 नवंबर को जेंडर सेल का गठन व लैंगिक हिंसा के विरुद्ध हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत श्रो अरविंद महिला कॉलेज पटना में भी किया गया। इस अवसर पर जेंडर सेल का गठन, जेंडर आधारित नुक्कड़ नाटक का मंचन, जेंडर आधारित रैम्प वॉक व जेंडर आधारित लोक गीत भी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में कॉलेज के जेंडर यूथ स्पीकर्स एवं 200 से अधिक छात्राओं ने भाग लेकर जागरूकता की मुहर लगा दिया।

 इस मौके पर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित व प्रसिद्ध लेखक डॉ. शिवनारायण ने लिंग भेदभाव के नीव की आधार परिवार में ही बनती है। उन्होंने कहा कि आपके आचरण का ही नक़ल आपका संतान करता है और लिंग भेदभाव के आचरण से अपने बच्चों को आज बचने की जरुरत है। 
जबकि पदमश्री व लेखक उषा किरण खान ने कहा कि वर्तमान समय में हम समाज में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं कर सकते। यह पूर्व की कुप्रथा है जो कुछ लोग ढो रहे हैं। लैंगिक समानता हमारी सोच को दर्शाती है और ऐसा कहीं नहीं लिखा गया है कि महिलाओं के साथ हम भेदभाव करें। अब सरकार भी लगातार सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ कार्य कर रही है। दहेज प्रथा व बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। लैंगिक भेदभाव भी एक सामाजिक कुरीति है जिसे हमसबों को जड़ से मिटाना ही होगा।  
श्रो अरविंद महिला कॉलेज की प्राचार्य डॉ.पूनम चौधरी ने स्वागत भाषण में अपना विचार प्रकट करते हुए कहा कि जेंडर हमारे समाज की पुरानी मानसिकता का परिचायक है जहाँ स्त्री व पुरुष के अलग-अलग भूमिका बताई जाती है। लेकिन इस कॉलेज में ऐसी सोच की कोई जगह नहीं है और हम सभी को बराबरी की नजरों से ही देखती हूँ। कॉलेज के एनएसएस अधिकारी रीता सिंह ने एनएसएस द्वारा किए जा रहे कार्यो के बारे में जानकारी दी और सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम मे आगे बढ़कर समाज मे सहयोग करने की बातें कही। कॉलेज मे लगातार पौधारोपन, रैली और खेलकुद जैसे कार्यक्रम की चर्चा करते हुए कही कि छात्राओं में शिक्षा के साथ सामाजिक जिम्मेवारी की भावना जगाना आवश्यक है और एनएसएस के कार्यक्रम इस दिशा में प्रमुख हथियार साबित हो रही है। इस मौके पर भूमिका विहार की निदेशक शिल्पी सिंह, एडवोकेसी इंचार्ज आशीष कुमार एवं माया शंकर ने भी अपने विचार प्रकट किये।