Tuesday, August 15, 2017

बाढ पीड़ितों के बीच कब तक पहूंच सकेगी राहत सुविधा

बाढ पीड़ितों के बीच कब तक पहूंच सकेगी राहत सुविधा 

बाढ पीड़ितों की सुधि से ज्यादा उनकी समस्याओं की सेल्फी लोगों के लिए ज्यादा अहमियत रख रही है। लिहाजा दर्द तो दबी रह जा रही है और तस्वीर दर तस्वीर किसी न किसी सोशल साईट पर जरूर देखने को मिल जा रही है। अगर प्रशासन सहित समाजसेवियों की हालत यही रही तो बाढ पीड़ितों को किसी पर भरोसा नहीं रह जाएगा...

 
राजीव झा /सहरसा: कोसी नदी की बाढ से पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर व तटबंध से सटे नवहट्टा, महिषी, सिमरी बख्तियारपुर व सलखुआ प्रखंड के गांवों की हालत काफी खराब है। इसके बावजूद जिला प्रषासन की ओर से बाढ पीड़ितों के लिए राहत सुविधा के कोई उपाय अब तक नहीं किया जा चुका है। इस वजह से बाढ प्रभावित परिवारों के समक्ष भोजन-भात की भी समस्या उत्पन्न हो गयी है।



15 अगस्त को जिले के प्रभारी मंत्री रमेश ऋषिदेव के साथ जिला भाजपा अध्यक्ष नीरज गुप्ता, रालोसपा के जिला अध्यक्ष चंदन कुमार बागची के साथ कार्यकर्ताओं व नेताओं का जत्था बाढ प्रभावित प्रखंडों के महिषी व नवहट्टा के गांवों का नाव से निरीक्षण कर जायजा लिया। इस टीम के साथ संबंधित प्रखंडों के अंचल पदाधिकारी व कर्मचारी भी साथ चल रहे थे। फिर भी अब तक राहत की कोई व्यवस्था नहीं होना दुखद बात है। शुक्र तो इन्द्रदेव का मानिये कि बारिश नहीं हो रही है। जबकि पिछले दो दिन पहले मुसलाधार बारिश व नदी में जल वृद्धि से तटबंध के भीतर का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया था। वैसे बुधवार की सुबह भी रिमझिम बारिश की हल्की फुहार हुई और लगता है कि दिनभर स्थिति यही रहेगी। सवाल घर से बेघर परिवारों को अगर तत्काल प्लास्टिक भी नसीब नहीं होगी तो खुले आकाश में ही दिन गुजारना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने भी अगले 48 घंटो तक बिहार के सभी जिलों में भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त किया है। मौसम विभाग की संभावना के अनुसार अभी तक भारी बारिश तो नहीं हल्की बारिश शुरू है। बाढ पीड़ितों की सुधि से ज्यादा उनकी समस्याओं की सेल्फी लोगों के लिए ज्यादा अहमियत रख रही है। लिहाजा दर्द तो दबी रह जा रही है और तस्वीर दर तस्वीर किसी न किसी सोशल साईट पर जरूर देखने को मिल जा रही है। अगर प्रशासन सहित समाजसेवियों की हालत यही रही तो बाढ पीड़ितों को किसी पर भरोसा नहीं रह जाएगा। वैसे जब इस क्षेत्र के लोगों ने कुसहा त्रासदी को झेल लिया तो इस बाढ का क्या असर करेगा। अभी तक आधे दर्जन से ऊपर बाढ़ में विभिन्न स्थानों पर डूबकर मौत की भी सुचना है