Monday, March 13, 2017

होली में छाया रहा खेसारीलाल यादव का बहिन छीनरा देवरा...वाला गाना

होली में छाया रहा खेसारीलाल यादव का बहिन छीनरा देवरा...वाला गाना
सवाल उठता है क्या इन बच्चों के लिए होली जैसे पर्व में भी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भिक्षाटन ही एक माध्यम रहा। अगर इन बच्चों के प्रतिभा के अनुकुल संगीत की भी शिक्षा दिया जाता तो शायद बचपन से ही कौशल विकास हो जाता और इससे बड़ा कलाकार कोई नहीं होता...


सहरसा। इस साल होली में अबोध बच्चों की टोली शहर के बाजारों में दुकान-दुकान जाकर बहिन छीनरा देवरा...बैगनवा जीजी होई ना फ्राई...जैसे अश्लील गीतों को झूम-झूमकर गाकर सुनाया और होली का मनोरंजन किया। लोगों ने उस अबोध बच्चों के द्वारा गाये जा रहे गाने के बोल को सुनकर हंसी-ठिठौली तो जरूर किया। लेकिन नाबालिग बच्चों के होंठों की अश्लील शब्दों के उ़च्चारण से वे खुद भी शरमा जा रहे थे। उन बच्चों को लग रहा था कि उनके मुंह से ऐसे गाने नहीं गाया जाना चाहिए। जब उन बच्चों से पुछा गया कि यह गाना किसका गाया हुआ है तो फटाक से बोला कि ये गीत खेसारीलाल यादव के होली 2017 के सुपरहिट गीत है भैया।

बाल कलाकारों की टोली के प्रमुख गौतम कुमार ने बताया कि नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड सं. 19 बस स्टैंड के पीछे के हम सभी रहने वाले हैं और अपने पिता का नाम सिकन्दर मल्ल्कि बताया। इस टोली में संतोष कुमार, मुकेश कुमार, पंकज कुमार, सोनू कुमार आदि बच्चे शामिल थे। गौतम ने अंत में गायक खेसारीलाल यादव के एक गीत जान गईलू ये हो जान गईलू, हाथ नैखे लिखल हाथ के लकीर नैखे तकदीर में...बेहिचक सुनाया। अपनी सुरीली आवाजों से लोगों का खुब मनोरंजन करता रहा। लेकिन सवाल उठता है क्या इन बच्चों के लिए होली जैसे पर्व में भी अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भिक्षाटन ही एक माध्यम रहा। अगर इन बच्चों के प्रतिभा के अनुकुल संगीत की भी शिक्षा दिया जाता तो शायद इससे बड़ा कलाकार कोई नहीं होता।

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