Sunday, November 15, 2020

चैनपुर मां काली के पिंडी दर्शन व पूजा कर सालों भर श्रद्धालु आध्यात्मिक उर्जा से होते हैं अभिभूत

 






-आदि काली मंदिर के पिंडी में भी बसती है कोलकाता के मां दक्षिणेश्वर काली की आत्मा


सहरसा, संजय सोनी

पश्चिम बंगाल कोलकाता के मां दक्षिणेश्वर काली की आत्मा सहरसा जिला के कहरा प्रखंड अंतर्गत चैनपुर गांव स्थित आदि काली मंदिर के पिंडी में भी बसती है। चैनपुर गांव में काली पूजा की करीब 150 साल पुराना इतिहास एवं परंपरा है। चैनपुर मां काली मंदिर में श्रद्धालुओं को कोलकाता दक्षिणेश्वर मां काली की आभा महसूस होती है। यहां सालों भर भक्त एवं श्रद्धालुगण मां काली की पिंडी दर्शन व पूजा कर आध्यात्मिक उर्जा से अभिभूत होते रहते हैं। मां काली के जन्म के साथ ही भक्ति भाव से पूजा-अर्चना में श्रद्धालु जुट जाते हैं। मां काली पूजा एवं छागर बलि प्रदान की भी अद्भूत परंपरा है और प्रत्येक साल परंपरा के अनुरूप वैदिक रीति-रिवाज से काली पूजा-अराधना की जाती है। जन्म के दूसरे दिन मेला और तीसरे दिन ग्राम भ्रमण कर श्रद्धाभाव से मूर्ति विसर्जन किया जाता है।    

श्रीश्री 108 श्रीनीलकंठ काली पूजा समिति चैनपुर-

इस गांव में एक अन्य स्थान पर श्रीश्री 108 श्री नीलकंठ काली पूजा समिति चैनपुर द्वारा वर्ष 1972 में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गयी। यहां 49 वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। यहां भी मूर्तिकार संजय खां पिछले 30 वर्षों से मूर्ति बनाते आ रहे हैं।

 

चैनपुर में काली पूजा की कैसे बनी परंपरा-

वर्ष 1870 में चैनपुर गांव निवासी साधक सिंहेश्वर दत्त ठाकुर द्वारा पछवारी टोला में कोलकाता के मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर की पिंडी की मिट्‌टी से प्राण-प्रतिष्ठा की गयी थी। महामहोपाध्याय पं. अमृतनाथ झा द्वारा पूजा पद्धति बनाकर विधिवत पूजा-अराधना प्रारंभ किया गया। ग्रामीण कहते हैं कि दक्षिणेश्वर काली कोलकाता में भी 1847 में मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था।  

मूर्ति निर्माण की भी है पुश्तैनी परंपरा-                       

चैनपुर आदि काली (बुढिया काली) मंदिर के प्रथम मूर्तिकार चैनपुर के भायलाल झा हुए और इसके बाद से ही मधुबनी जिला के मधेपुर गांव निवासी बतहु पंडित ने बनाना शुरू किया। उसके बाद उनके वंशजों में पुत्र शिवजी पंडित, उसके बाद फिर पुत्र रामप्रसाद पंडित द्वारा आकर्षक एवं कलात्मक मूर्ति बनायी जाती रही है। इस साल मूर्तिकार रामप्रसाद पंडित मुर्ति बना रहे हैं।

सौहार्दपूर्ण वातावरण में पूजा एवं मेला आयेजन की जिम्मेवारी-

वर्ष 2020 में 150 वां पूजा एवं मेला का आयोजन किया जा रहा है। वर्ष 2020 में श्रीआदि काली पूजा समिति के अध्यक्ष सोनू कुमार ठाकुर, उपाध्यक्ष राजु ठाकुर, सचिव सुंदरकांत ठाकुर, उप सचिव रतीश कुमार झा एवं कोषाध्यक्ष दिनेश कुमार झा काे ग्रामीणों ने सौहार्दपूर्ण वातावरण में पूजा एवं मेला आयेजन की जिम्मेवारी सौंपी गयी है।

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